कॉम पी अभिमन्यु, महासचिव द्वारा प्रेषित संदेश
बीएसएनएल ईयू द्वारा बीएसएनएल की वित्तीय स्थिति के संबंध में कर्मचारियों को यह संदेश दिया जा रहा है। यह सत्य है कि बीएसएनएल विकराल वित्तीय स्थिति के मध्य फंसा हुआ है। कंपनी को हर माह अपने कर्मचारियों के वेतन की व्यवस्था के लिए भी काफी जद्दोजहद करना पड़ रही है। कॉर्पोरेट ऑफिस के लिए मेडिकल व अन्य बिल्स के भुगतान के लिए फंड्स अलॉट करना भी संभव नही हो पा रहा है। कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स के वेजेस भुगतान में भी कॉर्पोरेट ऑफिस द्वारा फण्ड अलॉटमेन्ट के अभाव में भयंकर विलंब हो रहा है।
ऐसे समय में, कंपनी की वित्तीय समस्याओं को ले कर कुछ दुष्प्रचारक कर्मचारियों में भय निर्मित कर रहे हैं। इन दुष्प्रचारक तत्वों द्वारा फैलाई जा रही विभिन्न अफवाहों से कर्मचारी विभ्रम की स्थिति में है और अपने भविष्य को ले कर चिंतित भी। अतः बीएसएनएल ईयू यह अपनी जिम्मेदारी समझती है कि वह जो कुछ भी हो रहा है उसका यथार्थ चित्रण कर्मचारियों के समक्ष रखे।
हम यहां यह स्पष्ट रूप से बताना चाहेंगे कि बीएसएनएल की वित्तीय स्थिति पर रिलायंस जियो द्वारा सितंबर 2016 से शुरू किए गए मूल्य युद्ध ( Tarrif War) की वजह से बेहद भयावह असर हुआ है। न केवल बीएसएनएल, वरन एयरटेल, वोडाफोन और आईडिया भी अलाभप्रद स्थिति में पहुंच गए हैं। सच तो यह है कि सम्पूर्ण दूरसंचार उद्योग ही "तनाव" में है। बावजूद इसके, बीएसएनएल की स्थिति एयरटेल, वोडाफोन और आईडिया की स्थिति से कहीं ज्यादा बेहतर है। सभी निजी कंपनियों पर भयंकर कर्ज है। उदाहरण के लिए, एयरटेल पर रु 95,000 करोड़ का कर्ज है एवं वोडाफोन और आईडिया भी कुल रु 1,20,000 करोड़ के ऋण में है। तुलनात्मक रूप से, यह सुखद खबर है कि बीएसएनएल पर कुछ हजार करोड़ का ही कर्ज है।
इसके अलावा, रिलायंस जियो से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद बीएसएनएल के ग्राहकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। वस्तुतः 2017 में बीएसएनएल के ग्राहकों की वृद्धि एयरटेल, वोडाफोन और आईडिया से अधिक थी। 2017 में बीएसएनएल की ग्राहक वृद्धि दर 11.50% थी, वहीं एयरटेल की वृद्धि दर थी मात्र 9.13%। वोडाफोन की ग्राहक वृद्धि दर केवल 3.83% रही तो आईडिया की 3.14%।
बीएसएनएल की समस्या सिर्फ यही है कि उसके राजस्व संग्रहण (Revenue Collection) में बेतहाशा गिरावट आ रही है। लेकिन दूरसंचार उद्योग के विशेषज्ञों का यह मानना है कि वर्तमान में जारी टैरिफ वार ज्यादा समय तक नही चलेगा, ज्यादा से ज्यादा मार्च 2019 तक यह जारी रहेगा। उनके अनुसार, इसके बाद टैरिफ में वृद्धि होना शुरू होगी। इसका मतलब बीएसएनएल सहित सभी टेलीकॉम कंपनीज के राजस्व में वृद्धि की शुरुआत होगी। परिणाम स्वरूप, बीएसएनएल की नगदी समस्या (Cash Problem) शनैः शनैः समाप्त होती जाएगी।
इसके साथ ही, AUAB द्वारा किए गए संघर्ष की बदौलत बीएसएनएल को शीघ्र ही 4G स्पेक्ट्रम भी मिलने जा रहा है। 4G स्पेक्ट्रम मिलने के 6 माह पश्चात बीएसएनएल सभी सर्कल्स में 4G सेवाएं प्रदान करने की स्थिति में होगा। इधर AUAB सभी कर्मचारियों से सेल्स व मार्केटिंग में अपनी व्यापक रूप से सहभागिता का अनुरोध करते हुए "बीएसएनएल-आपके द्वार" मूवमेंट की शुरुआत कर ही चुका है। इसके साथ ही AUAB ने मैनेजमेंट से अनावश्यक खर्चों में कटौती की भी मांग की है। AUAB ने उच्च प्रबंधन के आरामदेह और शाही खर्चों पर लगाम लगाने हेतु आवश्यक खर्च कटौती मापदंड का पालन करने की भी मांग की है। इन मापदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करवाने के लिए AUAB की लड़ाई लगातार जारी रहेगी।
अतः बीएसएनएल ईयू सभी को सूचित करती है कि बीएसएनएल की वित्तीय समस्याएं शीघ्र ही समाप्त होंगी। बीएसएनएल का भविष्य बेहद सुनहरा है। हम दुष्प्रचारकों की अफवाहों और उनके द्वारा गढ़ी गई कहानियों पर विश्वास न करें।
आओ, हम विश्वासभरे कदमों के साथ एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर होंवे। निःसंदेह भविष्य हमारा है।
पी अभिमन्यु, जीएस